भाजपा अध्यक्ष पद के लिए कई दावेदार, पर सब कुछ असमंजस में!
झाबुआ। भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष पद के लिए पार्टी, संगठन से नियुक्त प्रदेश के पदाधिकारियों द्वारा 27 दिसम्बर शुक्रवार को रायशुमारी की जाएगी। रायशुमारी में शामिल होने वाले वर्तमान व पूर्व पदाधिकारियों को समय पर उपस्थित होने की सूचना दे दी गई। पार्टी ने पंकज जोशी को जिला निर्वाचन अधिकारी नियुक्त किया है।
वर्तमान जिला अध्यक्ष भानु भूरिया का कार्यकाल पूरा हो गया। नए जिला अध्यक्ष के लिए सर्किट हाउस पर कल जिलेभर के भाजपा पदाधिकारी और कार्यकर्ता एकत्रित होंगे। मंडल अध्यक्ष व मंडल प्रतिनिधियों की घोषणा हो चुकी है। रायशुमारी में 45 से अधिक पदाधिकारियों से संभावित जिला अध्यक्ष के नामों पर चर्चा होने के बाद 4-5 दिनों में भाजपा जिला अध्यक्ष के नाम की घोषणा हो सकती है।
इस कुर्सी के लिए कई दावेदार हैं, जो जिले से लेकर प्रदेश तक अपने-अपने स्तर से प्रयास कर रहे है। पार्टी की गाईड लाइन अभी तक स्पष्ट नहीं होने से सभी दावेदार पसोपेश में है। इस कारण यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा कि जिला अध्यक्ष जनजातीय समाज से होगा या सामान्य वर्ग से या फिर किसी महिला को प्राथमिकता दी जाएगी। यही कारण है कि दावेदारों ने अपने प्रयास जारी रखे है।
यह है कुर्सी के प्रबल दावेदार!
भाजपा के जिला अध्यक्ष पद के लिए जिन्हें प्रबल दावेदार माना जा रहा है उनमें जिला महामंत्री गौरव खंडेलवाल, उपाध्यक्ष सत्येन्द्र यादव, पूर्व जिला अध्यक्ष लक्ष्मण नायक, वर्तमान जिला अध्यक्ष भानु भूरिया शामिल है। इसके अलावा अंतिम समय में नाम सामने आ जाए तो कहा नहीं जा सकता। क्योंकि, वो रास्ता भी खुला हुआ है।
दावेदारी के पीछे किसका हाथ!
गौरव खंडेलवाल भाजपा व संघ में रहते हुए कई महत्वपूर्ण दायित्व निभा चुके हैं। वे पूर्व संगठन मंत्री सुरेश आर्य के भी करीबी रहे है। भाजपा उपाध्यक्ष सत्येन्द्र यादव पार्टी के लिए पूर्ण निष्ठा व समर्पण के साथ काम कर रहे है। बताया जाता है कि जिले के संगठन प्रभारी हरिनारायण यादव का इन पर वरदहस्त है। पूर्व जिला अध्यक्ष लक्ष्मण नायक के कार्यकाल में पार्टी व संगठन को मजबूती मिली है। वर्तमान जिला अध्यक्ष भानु भूरिया महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया के समर्थक माने जाते है। इन्हें जिला अध्यक्ष बनाए जाने में निर्मला भूरिया के सहयोग की बात कही जाती है। इस पद के लिए दो महिलाओं का नाम भी सामने आ रहा है। इसमें एक नाम किरण शर्मा का है, तो दूसरा भाजपा की प्रदेश मंत्री संगीता सोनी का नाम है।
आदिवासी बाहुल्य जिले में गैर आदिवासी के लिए जिला अध्यक्ष के अलावा कोई बड़ा पद नहीं है। सामान्य वर्ग को प्रतिनिधित्व नहीं मिलने से विधानसभा-लोकसभा जैसे महत्वपूर्ण चुनाव में गैर आदिवासी कार्यकर्ताओं की पार्टी के प्रति नाराजगी भी देखी गई है। गैर आदिवासी अपने आपको पार्टी में उपेक्षित सा महसूस करता है। लेकिन, अब सुनने में आ रहा है कि आदिवासी के अलावा सामान्य वर्ग को संतुष्ट करने के लिए गैर आदिवासी को जिला अध्यक्ष पद की कमान भाजपा द्वारा सौंपी जा सकती है।
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